केन्द्र सरकार ने राजस्व उगाही के लिए बिहार से गुजरने वाले 7 वैसे नेशनल हाईवे को निजी क्षेत्र को सौंपने का फैसला लिया है जिस पर हम सबसे ज्यादा सफर करते हंै। इन सड़कों में हाजीपुर-मुजफ्फरपुर, पूर्णिया-दालकोला, कोटवा-मेहसी-मुजफ्फरपुर, खगड़िया-पूर्णिया,मुजफ्फरपुर-सोनवर्षा, बाराचट्टी-गोरहर, मोकामा-मुंगेर हाईवे शामिल हैं। यानी आने वाले दिनों में हम यदि हम पटना से बिहार के किसी ओर 100 किमी से अधिक दूरी सफर करेंगे तो टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।
ये वैसी सड़कें हैं जिनका निर्माण निजी एजेंसियों से बीओटी (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांस्फर) मोड में कराया गया है। पीपीपी के तहत बनी इन अधिसंख्य सड़कों की रियायती (कनसेशन पीरियड) अवधि 2025- 2026 में खत्म हो रही है। ऐसे में केन्द्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अगले 20-25 साल के लिए निजी एजेंसियों को सौंप उनसे ही इन सड़कों का निर्माण और संचालन कराने की योजना बनायी है।