अगर आप सरकारी नौकरी में हैं । और आपके पास एक गाड़ी है । तो आपको सबसे बड़ी समस्या होती होगी गाड़ियों को एक कोने से दूसरे कोने में ले जाने की । जैसे ही आपका ट्रांसफर होता होगा आपको गाड़ियों का भी ट्रांसफर करवाना होता होगा । लेकिन अब यह समस्या बदलने वाली है । अब गाड़ियों का एक नंबर होगा BH यानी भारत नंबर । जो आपको इन सबसे आज़ादी दिलवा देगा ।
अक्सर गाड़ियों के नंबर प्लेट से वह किस राज्य के हैं इसकी जानकारी हो जाती है। हर राज्य के अपने कोड हैं। उत्तर प्रदेश का UP, दिल्ली का DL, मध्य प्रदेश का MP बिहार का BR लेकिन, जल्द ही आपको सड़कों पर एक खास सीरीज की गाड़ी का नंबर दिखेगा, जिससे आप ये भी नहीं पता कर सकते हैं कि गाड़ी किस राज्य की है।
इस सीरीज की शुरुआत BH से होगी। खास बात है कि इस सीरीज की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन दूसरे स्टेट में कराने की जरूरत ही नहीं होगी। ये पूरे देश में मान्य होगा।
बता दें कि वर्तमान के नियम कहते हैं एक शख्स दूसरे राज्य की गाड़ी को अधिकतम 12 महीने तक रख सकता है। इसके बाद भी अगर वह गाड़ी को उस राज्य में रख रहा है तो उसे गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराना होगा।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने रक्षा कर्मियों, केंद्र र राज्य के सरकारों के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्री की कंपनियों और संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए इस नई सीरीज की शुरुआत की है। जिनके दफ्तर चार या उससे ज्यादा राज्यों में हैं, वे इसे अप्लाई कर सकते हैं।
यह नंबर प्लेट काले और सफेद रंग का होगा। मतलब सफेद बैकग्राउंड पर काले रंग में नंबर दर्ज होगा। शुरुआत BH से होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन के साल का अंतिम दो डिजिट और फिर आगे नंबर होगा।
टैक्स कितना देना होगा
इस नंबर के लिए दो साल या दो के मल्टिप्लाई में रोड टैक्स देना होगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। आरटीओ के पास जाने की जरूरत ही नहीं है। 10 लाख की लागत वाले वाहनों को 8% राशि । 10 से 20 लाख रु तक की लागत वाले वाहनों के लिए 10% राशि । 20 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले वाहनों के लिए 12% रोड टैक्स देना होगा।