बिहार की रहने वाली रुपम झा मुंबई में रहती हैं। लेकिन, वे मुंबई छोड़ सहरसा आ गई है। उन्होंने सिर्फ मुंबई ही नहीं छोड़ा है, बल्कि रूपम झा नेअपनी 20 लाख की पैकेज वाली नौकरी भी छोड़ दी है। वे अब बिहार में हो रहे मुखिया चुनाव लड़ेंगी।रूपम झा बिहार के सहरसा जिले के कहरा प्रखंड के चैनपुर गांव की रहने वाली हैं। वे उत्तरी पंचायत से चुनाव लड़ेंगी।
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8 तारीख को मुखिया पद का नोमनेशन करने के बाद अपना चुनावी दौरा भी शुरू कर दिया है। भागलपुर यूनिवर्सिटी से बीए पास करने के बाद वे मुंबई चली गईं थी। जहां उन्होंने पहले केसी कॉलेज मुंबई से मास्ककम्यूनिकेशन का कोर्स किया। फिर उन्होंने एन एम आई यूनिवर्सिटी मुंबई से 2012 में एमबीए कर फिर जॉब करने लगी।
रूपम झा जागरण,हिंदुस्तान टाइम्स,और आरपीएस गोयंका में भी काम कर चुकी है। इनका ससुराल सहरसा जिले के कहरा प्रखंड के चैनपुर गांव पड़ता है। इनके पति प्रवीण वत्स मुंबई में ही मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पैकेज पर काम कर रहे हैं। ससुर डॉक्टर नरेश झा जो कई मेडिकल कॉलेज में प्रशासक के रूप में कार्य किया है। सेवानिवृत होकर वे फिलहाल गांव में ही रह रहे है और अपने बहु का चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
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रूपम झा 6 महीने पहले यहां आई है और ससुराल में एक झोपड़ी नुमा स्कूल भी खोली हुई है। जिसमें गांव के बच्चे को निःशुल्क शिक्षा दे रही है। इसको साथ ही साथ वे सुबह में गांव के लोगों को योगा भी सिखाती है। मुखिया चुनाव लड़ने क्या उद्देश्य है। इसपर उन्होंने कहा कि उद्देश्य बहुत सिंपल और बहुत क्लियर है। मैं चाहती हूं की सरकार की वो सारी योजनाएं जो सरकार इन ग्रमीणों के लिए लाती है वो इन ग्रामीणों को देती है वो सब इनको मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी सारी चीजों को छोड़कर आज मैं अपने गांव वाले के साथ हूँ। मैं आज अपने ससुराल में इनके लिए वो लड़ाई लड़ने जा रही हूं जिसका अंजाम क्या होगा वो मुझे भी पता नहीं है। लेकिन, हमने पिछले 6 महीने में वो सारे काम किए हैं जो शायद यहां पर लोगों ने 40 साल में नहीं किया था।