‘साहब कहते हैं पत्रकारिता छोड़ दो। मुजफ्फरपुर बालिकागृह मामला’… यह एक फेसबुक पोस्ट का स्टेटस है। इसके लेखक हैं बिहार के कशिश न्यूज चैनल के संपादक संतोष सिंह। वहीं संतोष सिंह जिन्होंने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को उजागर किया था। सीधे सीधे सीएम नीतीश कुमार को इस मामले में कहीं ना कहीं दोषी होने की बात कही थी।
सवाल उठता है कि संतोष सिंह के इस फेसबुक स्टेटस में जिस साहब का जिक्र है वह कौन है और आज उसका क्यों चर्चा किया जा रहा है। दिमाग पर जोर मत डालिए हम बताते हैं। आज जदयू ने अपने 115 उम्मीदवरों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में जदयू के वर्तमान विधायक और कशिश न्यूज चैनल के मालिक सुनील चौधरी का दरभंगा के बेनीपुर से पत्ता काट दिया गया है। बिहार की पत्रकारिता में इंटरेस्ट रखने वाले और बालिका गृह कांड को जानने वाले सभी लोग जानते हैं कि यह टिकट क्यों काटा गया है।
बिहार की पत्रकारिता जगत में एक बात फेमस है कि नीतीश कुमार अपने खिलाफ ना तो कुछ सुनना चाहते हैं और नाही कोई न्यूज प्रमुखता से चलने देते हैं। ऐसे में कशिश न्यूज ने जो बालिका गृह कांड में किया उससे इतना तो तय था कि उनका टिकट कटेगा और कटा भी। सबसे आश्चर्य की बात इस सूची में यह है कि पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को टिकट दिया गया है। इनके ही मंत्री रहते बिहार में बालिक कांड जैसा मामला हुआ था।
जदयू ने बिहार चुनाव में अपने सभी 115 उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी कर दी है. इसमें पार्टी ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को चेरिया बरियारपुर से टिकट दिया है. मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का नाम मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में आया था, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस लिस्ट में कई नाम ऐसे हैं जिनके नामों का पहले ही ऐलान हो चुका है और उन्हें सिंबल भी दिया जा चुका है. पार्टी ऑफिस में इन नामों का ऐलान करने आए प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह समेत अन्य नेताओं को भारी हंगामे का भी सामना करना पड़ा था.