बंद के समर्थन और विरोध की सियासत के बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या आरजेडी (RJD) को महागठबंधन के अन्य दलों का कितना सपोर्ट मिलता है? दरअसल ये सवाल इसलिए है कि एक ही मुद्दे को लेकर दो दिन के भीतर बिहार की जनता को दो बार बंद (Bihar Band) का सामना करना पड़ रहा है
नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आज यानी शनिवार को बिहार बंद (Bihar Band) बुलाया है। इस बंद को लेकर बिहार के जनमानस में पहले से काफी आशंकाएं हैं। यही वजह है कि अधिकतर प्राइवेट स्कूलों ने स्वत: छुट्टी घोषित कर दी है। वहीं, सरकारी विद्यालयों में भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) ने इसे लेकर नीतीश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर बिहार बंद के दौरान आरजेडी के किसी भी कार्यकर्ता पर कहीं भी पुलिस ने लाठी भांजी तो इसका अंजाम बुरा होगा।
वहीं एडीजी जितेंद्र कुमार ने तेजस्वी यादव से दो टूक साफ-साफ कहा है कि अगर बंद के दौरान कहीं भी उपद्रव फैलाने या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। राज्य के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए सवाल किया है कि उन्हें यदि नागरिकता कानून का विरोध करना ही था, तो वामदलों द्वारा 19 दिसंबर को बुलाए गए बंद से वो क्यों अलग रहे?
बंद के समर्थन और विरोध की सियासत के बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या आरजेडी को महागठबंधन के अन्य दलों का कितना सपोर्ट मिलता है? दरअसल ये सवाल इसलिए है कि एक ही मुद्दे को लेकर दो दिन के भीतर बिहार की जनता को दो बार बंद का सामना करना पड़ रहा है।
महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वो एक ही दिन का बंद चाहते थे लेकिन वामदलों और आरजेडी के बीच सहमति नहीं होने के कारण यह दो दिनों में बंट गया। कुशवाहा ने कहा कि बंद एक ही दिन बुलाने को लेकर तेजस्वी से अपील की गई थी, लेकिन वो नहीं माने।