पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्ला’स्ट केस में एनआईए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। एनआईए कोर्ट ने 10 आरोपियों में से 9 को दोषी करार दिया है। जबकि एक आरोपी को रिहा करने का आदेश सुनाया है।

आपको बता दें कि गांधी मैदान सीरियल ब्ला’स्ट केस में एनआईए ने जांच के दौरान 10 लोगों को आरोपी बनाया था। इनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। ठीक 8 साल बाद आज इस मामले में फैसला सामने आया है। 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में भारतीय जनता पार्टी की हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्ला’स्ट हुए थे। इस मामले में एक नवंबर को सजा पर सुनवाई होगी। दोषी पाए गए सभी 9 लोगों को सजा सुनाया जायेगा।
इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो। मुजिबुल्लाह अंसारी, मो। इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो। फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो। इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। अभी 10 आरोपितों के मामले की सुनवाई पूरी हुई है। ब्ला’स्ट मामले में जुवेनाइल बोर्ड द्वारा एक आरोपित को तीन वर्ष की कैद की सजा पहले ही सुनायी जा चुकी है। एनआईए कोर्ट ने आज इस मामले में फैसला सुनाते हुए 9 को दोषी करार दिया है। जबकि एक आरोपी फखरुद्दीन को रिहा करने का फैसला सुनाया है।

गौरतलब हो कि तब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी कई आतंकी संगठनों के निशाने पर थे। पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों ने हाथ मिला लिया था। इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी समर्थन हासिल था। यह जानकारी खुफिया विभाग ने गृह मंत्रालय को दी थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली सहित सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर इस बारे में आगाह कर दिया था। तब मोदी को निशाना बनाने के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा, हिजबुल मुजाहिदीन और शाहिद बिलाल एक हो गए थे और आईएसआई के इशारे पर इन संगठनों ने इंडियन मुजाहिदीन को ऑपरेशन का जिम्मा सौंपा था।
27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली थी। इसमें भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे। इसी दौरान सीरियल ब्ला’स्ट हुआ था। इन धमाकों में 6 लोगों की मौ’त हो गई थी और करीब 90 लोग जख्मी हुए थे। पहले यह मामला गांधी मैदान थाने में दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने 1 नवंबर 2013 को दिल्ली स्थित एनआईए थाने में केस दर्ज किया था।