चीनी सरकार के लीक हुए दस्तावेजों ने देश के शिनजियांग प्रांत में मुसलमान अल्पसंख्यकों पर की गई कार्रवाई पर नई रोशनी डाली है जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अधिकारियों को अलगाववाद और चरमपंथ के खिलाफ ‘जरा भी दया न’ दिखाने का आदेश दिया था। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में यह जानकारी दी गई है।
मानवाधिकार समूहों और बाहरी विशेषज्ञों ने कहा कि सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में फैले नजरबंदी शिविरों में दस लाख से ज्यादा उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को रखा गया है।
The documents — one of the most significant leaks from inside China’s Communist Party in decades — reveal secret speeches by President Xi Jinping laying the groundwork for a crackdown that put a million or more Muslim minorities into camps. “Show absolutely no mercy,” he said. pic.twitter.com/JkBUiii64R
— The New York Times (@nytimes) November 16, 2019
द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा हासिल किये गए 403 पन्नों वाले आंतरिक दस्तावेज कम्युनिस्ट पार्टी की बेहद गोपनीय विवादास्पद कार्रवाई के बारे में अभूतपूर्व विवरण पेश करते हैं जिनकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय और खासकर अमेरिका ने कड़ी आलोचना की है।
अखबार ने सप्ताहांत पर कहा कि इन दस्तावेजों में शी के कुछ पूर्व के अप्रकाशित भाषणों के साथ ही उइगर आबादी पर निगरानी और नियंत्रण को लेकर दिए गए निर्देश व रिपोर्ट शामिल हैं। लीक दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि इस कार्रवाई को लेकर पार्टी के अंदर कुछ असंतोष भी था।
अखबार के मुताबिक, ये दस्तावेज चीनी राजनीतिक व्यवस्था से जुड़े एक अनाम शख्स ने लीक किए जिसने यह उम्मीद जताई कि यह खुलासा शी समेत नेतृत्व को बड़े पैमाने पर हिरासत के दोष से बचने से रोकेगा।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम चीन में कथित अल्पसंख्यक उइगर उग्रवादियों द्वारा एक रेलवे स्टेशन पर 31 लोगों की हत्या करने के बाद अधिकारियों को 2014 में दिये गए भाषण में शी ने ‘आतंकवाद, घुसपैठ और अलगाववाद’ के खिलाफ पूर्ण संघर्ष का आह्वान करते हुए ‘तानाशाही के अंगों’ का इस्तेमाल करने और ‘किभी भी तरह की दया नहीं’ दिखाने को कहा था।
शिनजियांग प्रांत में नए पार्टी प्रमुख चेन कुआंगुओ की 2016 में नियुक्ति के बाद नजरबंदी शिविरों में तेजी से इजाफा हुआ था।
एनवाईटी के मुताबिक चेन ने अपनी कार्रवाई को न्यायोचित ठहराने के लिए शी के भाषण की प्रतियां बांटीं और अधिकारियों से अनुरोध किया, ‘हर किसी को पकड़िये जिन्हें पकड़ा जाना चाहिए।’
चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।
भाषा इनपुट के संग