कल पेगासस स्पाइवेयर को लेकर एक रिपोर्ट साझा हुआ । इस रिपोर्ट के बाद पुरी दुनियां में तहलका मच गया । यह रिपोर्ट दरअसल जासूसी को लेकर थी । इस रिपोर्ट में बताया गया कि पेगासस नामक स्पाइवेयर दुनियाभर के 50 देशों की पचास हजार से ज्यादा लोगों की जासूसी कर रहा है ।
दरअसल यह पेगासस एक मैलवेयर है । यह आईफोन और एंड्राइड उपकरणों को प्रभावित करता है। इसका काम अपने उपयोगकतार्ओं को संदेश, फोटो और ईमेल खींचने, कॉल रिकॉर्ड करने और माइक्रोफोन सक्रिय करने की अनुमति देता है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट है कि 189 पत्रकारों, 600 से अधिक राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों और 60 से अधिक व्यावसायिक अधिकारियों को एनएसओ समूह के क्लाइंट द्वारा लक्षित किया गया था, जिसका मुख्यालय इजराइल में है।
भारत में भी दो दर्जन से ज्यादा लोगों को निशाना बनाया गया है । इनमें कई सारे पत्रकार । कुछ विपक्ष के नेता और जज शामिल है । अब इनलोगों की जासूसी से किसको क्या मिल पाएगा ये तो दूर की बात है मुख्य प्रश्न ये है कि हमारा कितनी गुप्त चीजें बिग टैक कंपनी के पास है?
अमेरिकी खुफिया एजेंसी के पूर्व साइबर सुरक्षा इंजीनियर और अब एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में आईटी के निदेशक टिमोथी समर्स ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया, “यह एक गंदा सॉफ्टवेयर है। यह लगभग पूरी दुनिया की आबादी पर जासूसी कर सकता है।
“अगर हम सॉफ्टवेयर कंपनियों और सरकारों से अपने स्वामित्व अधिकार वापस नहीं लेते हैं, तो हम डिजिटल दास बन जाएंगे। वे न केवल हमारे स्मार्ट उपकरणों, हमारे घरों, हमारी कारों और यहां तक कि हमारे अपने सॉफ्टवेयर-सक्षम चिकित्सा प्रत्यारोपण का पूरी तरह से उपयोग करने में सक्षम होंगे।”