भारत हो या विश्व, पुलिसवाले अपने कड़े रवैये के लिये प्रसिद्ध है । कहा जाता है कि पुलिस वाले अगर कड़ी नजर से देख भर लें तो अपराधी पैंट में शू शू कर देते हैं । लेकिन हरेक के साथ ऐसा नहीं होता । कुछ पुलिसवाले इतने सहृदय होते हैं कि उनकी मिशाल दी जाती है । कई बार पुलिसवाले ड्यूटी से आगे बढ़कर आम जनता की मदद करते हैं और इसके कई उदाहरण हमारे पास हैं। नागपुर के एक पुलिसवाले ने भी ऐसा ही कुछ किया।
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The Times of India की ख़बर के मुताबिक़, सीताबुल्दी ट्रैफ़िक ज़ोन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर (ट्रैफ़िक) अजय मालविय अपने कड़े रवैया और अनुशासन बद्धता के लिए जाने जाते हैं। ट्रैफ़िक पुलिस ने एक ऑटोरिक्शा चालक, रोहित खड़से पर 2000 का जुर्माना लगाया। रोहित का ऑटो भी ज़ब्त कर लिया गया। रोहित ऑटोरिक्शा चलाकर ही अपना घर चलाता था और उसके पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं था। ये चालान भरने के लिए रोहित अपने बेटे का गुल्लक और उसमें जमा किए सिक्के ले आया। रोहित ने मालविय से ऑटो लौटाने की दरख़्वास्त की।
स्ट्रिक्ट कॉप मालविय से ये देखा नहीं गया और उन्होंने रोहित का चालान भर दिया। उन्होंने रोहित को ट्रैफ़िक नियम न तोड़ने की हिदायत देकर जाने दिया। नागपुर पुलिस ने ये कहानी ट्विटर पर शेयर की और परिवार और के साथ अजय मालविय की फ़ोटो भी शेयर की।
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ट्रैफ़िक पुलिस ने बीते 8 अगस्त को रोहित का चालान काटा था क्योंकि उसने नो-पार्किंग ज़ोन में ऑटो लगाया था। रोहित के नाम पर और भी कई अनपेड चालान थे इसलिए उसका ऑटो ज़ब्त कर लिया गया। ‘लॉकडाउन की वजह से रोहित पहले से ही कर्ज़े में था और उसके पास कोई सेविंग्स नहीं थी। घर की माली हालत को देखते हुए रोहित के बेटे ने जुर्माना भरने की बात कही।’, अजय मालविय ने बताया।
अजय मालविय जैसे पुलिसवाले उम्मीद जगाते हैं कि पुलिसवालों के हाथ में सिर्फ़ डंडा नहीं सीने में भी दिल होता है। इन जैसे पुलिसवालों की वजह से ही इंसानियत जिंदा है और आगे भी रहेगा ।