राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी स्थित एक फैक्ट्री में रविवार सुबह आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई और कई लोग झुलस गए। इस घटना पर अफसोस जाहिर करते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये बहुत बड़ा हादसा है। अभी तक कारणों का पता नहीं चल पाया है। मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
घटना में जांच के आदेश, सात दिन के भीतर दिल्ली सरकार ने मांगी रिपोर्ट
दिल्ली सरकार ने आग की घटना में जांच के आदेश देते हुए सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। केजरीवाल सरकार ने मृतकों के परिवार को 10-10 लाख का और घायलों को 1-1 लाख रुपए मुआवजा देने का एलान किया है। केजरीवाल ने कहा कि घायल लोगों की इलाज का खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी।
आग लगने के समय फैक्ट्री में 59 लोग थे
पुलिस ने बताया कि एक आवासीय इलाके में चल रही फैक्ट्री में आग लगने के समय 59 लोग अंदर थे। घटनास्थल पर हृदय विदारक दृश्य पसरा हुआ था। फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर भाग रहे थे। आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिवार विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे। मृतकों और झुलसे लोगों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है।
दिल्ली फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। यहां काम करने वाले ज्यादातर मजदूर दूर-दराज से आए हुए थे।
प्रत्यक्षदर्शी ऩे क्या कहा?
एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है फैक्ट्री में देर रात काम करने के बाद लोग सो रहे थे। कुछ देर बाद जब धुएं से उनका दम घुटने लगा तो उन्होंने खिड़की के पास जाकर मदद के लिए आवाज लगाई। आसपास के लोगों ने पुलिस और फायर सर्विस को इसकी जानकारी दी।
फायर सर्विस के अधिकारी ने कहा कि 59 लोगों को पहले ही बाहर निकाल लिया गया था। लोगों की मौत झुलसने और दम घुटने से हुई है। उनका कहना है कि इलाके की गलियां बहुत सकरी हैं इसलिए ज्यादा गाड़ियां अंदर नहीं जा पा रही थी। राहत और बचाव कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आग लगने की ये सबसे बड़ी घटना है।
600 गज में फैली है वो फैक्ट्री जिसमें आग लगी
जिस फैक्ट्री में आग लगी है, वो 600 गज में फैली है और वहां स्कूल बैग पैकेजिंग का काम होता है। पहले एक इमारत में आग लगी और देखते ही देखते आग ने अगल-बगल की दो और इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। ये फैक्ट्रियां बेहद भीड़भाड़ वाले और रिहायशी इलाके में चल रही थीं।