वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यहां नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को लॉन्च कर दिया। यह मोनेटाइजेशन प्लान छह लाख करोड़ रुपये का है। सरकार ने रेल से लेकर रोड और बिजली सेक्टर के एसेट्स की बिक्री के लिए यह पहल की है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसका पूरा खाका पेश करते हुए बताया कि लीज पर देने की प्रक्रिया चार साल, यानी 2025 तक चरणबद्ध तरीके से चलेगी। इसके तहत पटना एयरपोर्ट को 2023 में निजी हाथों में सौंपा जाएगा। वहीं पटना जंक्शन से प्राइवेट ट्रेनें भी चलेंगी। बिहार की सात सड़कों को भी निजी संचालन के लिए दिया जाएगा।
सड़कों-रेलवे से 3 लाख करोड़ रुपए जुटाएंगे रेलवे: 400 स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के ट्रैक लीज पर देंगे1.52 लाख करोड़ रु. रेलवे में हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे। 400 स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के ट्रैक लीज पर देंगे। पहाड़ी इलाकों में रेलवे संचालन भी निजी हाथों में जाएगी। इसमें कालका-शिमला, दार्जिलिंग, नीलगिरी ट्रैक शामिल हैं। चुनिंदा रेलवे कॉलोनी व 15 स्टेडियम भी लीज पर दिए जाएंगे।
हाईवे: 27600 किमी सड़कें दी जाएंगी
सरकार को हाईवे से ही सबसे ज्यादा पैसा मिलने की उम्मीद है। उत्तर भारत की 29 सड़कें, दक्षिण की 28, पूरब की 22 और पश्चिमी भारत की 25 सड़कें लीज पर दी जाएंगी। निजी क्षेत्र इनका संचालन निर्धारित अवधि तक करेंगे। यह अवधि कितनी होगी, यह बाद में तय किया जाएगा। {सड़कें निजी हाथों में जाने से क्या ज्यादा टोल देना पड़ेगा, इस पर अफसरों ने कहा कि यह कहना अभी सही नहीं है। क्योंकि, टोल को नियंत्रित रखने का फॉर्मूला बनना अभी बाकी है।
रेलवे – रेलवे से 3 लाख करोड़ रुपए जुटाएंगे
हाईवे – 1.6 लाख करोड़
रेलवे – 1.5 लाख करोड़
पावर ट्रांसमिशन – 45,200 करोड़
पावर जेनरेशन – 39,832 करोड़
टेलीकॉम – 35,100 करोड़
वेयर हाउिसंग – 28,900 करोड़ मिल सकते हैं
नेचुरल गैस पाइपलाइन – 24,462 करोड़
पाइपलाइन/अन्य – 22,504 करोड़
खनन – 28,747 करोड़
एविएशन – 20,782 करोड़
पोर्ट्स – 12,828 करोड़
स्टेडियम – 11,450 करोड़
रियल एस्टेट – 15,000 करोड़ का लक्ष्य।
बिहार में क्या:
2023 में पटना एयरपोर्ट को लीज पर देने से मिलेंगे 1000 करोड़
बिहार में इन 7 सड़कों को भी निजी हाथों में दिया जाएगा
{हाजीपुर-मुजफ्फरपुर -39 किमी {पूर्णिया-दालकोला-36 किमी {कोटवा-मेहसी-मुजफ्फरपुर-80 किमी {खगड़िया-पूर्णिया-70 किमी {मुजफ्फरपुर-सोनवर्षा-142 किमी {बाराचट्टी-गोरहर-80 किमी {मोकामा-मुंगेर-69 किमी।