बिहार में संभवत: ऐसा पहली बार होगा । एक डीएसपी साहेब दुबारा से डिमोशन लेकर दारोगा बनेंगे । असल में उन्हों ने चालाकी करके ये नौकरी हासिल की थी । विभाग को झांसा देकर करीब ढ़ाई साल नौकरी भी की । अब बिहार सरकार ने उनकी प्रोन्नति रद्द कर दी है ।
मामला विशेष शाखा के एक डीएसपी त्रिपुरारी प्रसाद का है। जिन्होंने निगरानी थाना में दर्ज के’स को छुपाकर प्रमोशन ले लिया। जब ये दरोगा थे तो इनके खिलाफ निगरानी थाना में 18 अप्रैल 2006 को मामला दर्ज हुआ था। समीक्षा में पाया गया कि त्रिपुरारी प्रसाद के वि’रुद्ध पुलिस अवर निरीक्षक के कार्यकाल में निगरानी में केस दर्ज हुआ था। बावजूद इसके पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस अवर निरीक्षक से पुलिस निरीक्षक के पद पर प्रोन्नति दी गयी। इतना ही नहीं उक्त पद पर सेवा भी संपुष्ट किया गया।
निगरानी थाना में केस दर्ज रहने के बावजूद त्रिपुरारी प्रसाद को पुलिस अवर निरीक्षक से पुलिस निरीक्षक के पद पर प्रोन्नत्ति दी गई। गृह विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि पुलिस उपाधीक्षक के पद पर प्रोन्नति हेतु महानिदेशक परिषद की अनुशंसा किए जाने के परिपेक्ष में पुलिस मुख्यालय से स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया। इस आलोक में पुलिस मुख्यालय ने त्रिपुरारी प्रसाद को पुलिस निरीक्षक कोटी से पुलिस उपाधीक्षक की कोटि में प्रोन्नति हेतु की गई अनुशंसा को वापस लेने प्रतिवेदन उपलब्ध कराया। इस आलोक में त्रिपुरारी प्रसाद से 8 मार्च 2021 को स्पष्टीकरण मांग की गई। इसके जवाब में 12 मार्च 2021 को त्रिपुरारी प्रसाद ने अपना स्पष्टीकरण समर्पित किया। इसके बाद उनके जवाब की समीक्षा की गई और उसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद गृह विभाग ने त्रिपुरारी प्रसाद पुलिस उपाधीक्षक विशेष शाखा को पुलिस निरीक्षक- परिचारी प्रवर एवं समकक्ष कोटि से पुलिस उपाधीक्षक की कोटि में 29 जनवरी 2019 को दी गई प्रोनत्ति को रद्द कर दिया।