
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की मतगणना के रुझानों में सुबह से उतार-चढ़ाव पर देशभर की नजरें टिकी हैं. इन रुझानों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रुझान वामपंथी दलों (Left parties) के हैं. महागठबंधन में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरी वामपंथी धारा की तीन पार्टियां लगभग 20 सीटों पर रुझानों में आगे बनी हुई हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में महज 3 सीटों पर सिमटी वाम पार्टियों के लिए ये रुझान उत्साहित करने वाले हैं. निर्वाचन आयोग के रुझानों पर गौर करें तो वामदलों की बढ़त 19 सीटों पर है. इनमें सीपीआई (CPI) 3 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं माकपा (CPI-M) 2 क्षेत्रों से बढ़त बनाए हुए है. सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रुझान सीपीआई (एमएल) (CPI (ML)) का है, जो 14 सीटों पर आगे चल रही है.
कोरोनाकाल में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के लिए तीन चरणों में मतदान कराए गए थे. 28 अक्टूबर और 3 व 7 नवंबर को 243 सीटों के लिए मतदान कराने के बाद आज मतों की गिनती हो रही है. सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतगणना में विभिन्न दलों के रुझानों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं. ताजा रुझानों के मुताबिक बीजेपी जहां 72 सीटों पर बढ़त बनाकर सबसे बड़ी पार्टी बनने की ओर अग्रसर है, वहीं आरजेडी 65 सीटों पर बढ़त के साथ दूसरे नंबर पर है. जेडीयू जहां 48 सीटों पर आगे है, वहीं कांग्रेस पार्टी के 20 उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों से आगे चल रहे हैं.
वामपंथी पार्टियों की सीटों पर गौर करें तो सीपीआई (एमएल) ने जिन तीन विधानसभा क्षेत्रों में 2015 में जीत हासिल की थी, उन सभी सीटों पर पार्टी रुझानों में आगे है. वहीं बेगूसराय जिले की बखरी सीट पर भाकपा के उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं. समस्तीपुर जिले की बिभूतिपुर विधानसभा सीट पर माकपा उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के मुकाबले आगे चल रहे हैं. सियासी जानकारों की मानें तो एनडीए के खिलाफ महागठबंधन में शामिल होकर इस चुनाव में वामदलों ने सभी को चौंका दिया है. चुनाव अभियानों और एग्जिट पोल के अनुमानों में भी वाम दलों को दूसरे उम्मीदवारों पर भारी बताया गया था.