मिथिला की मिट्टी शुरू से ही उपजाउ रही है । इन्होने अपने गोद में ऐसे ऐसे लाल को पैदा किया है जिन्होने देश दुनियां में अपना लोहा मनवाया है । इन्ही मिट्टी में से आज एक जवान निकलकर सेना के उच्च पद पर चला गया है । ये पद उन्होने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर हासिल किया है ।
दरअसल ऑटो चालक (Auto Driver) के बेटे ने कमाल करते हुए भारतीय सेना (Indian Army) में लेफ्टिनेंट (Lieutenant) बनकर दिखाया है. दरभंगा जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र कुशेश्वरस्थान के बेर गांव निवासी ऑटो चालक गणेश पाठक के बेटे पुरुषोत्तम पाठक ने देहरादून मिलिट्री एकडेमी में आयोजित परेड के बाद पंजाब रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट पद हासिल किया है.
दरभंगा से दिल्ली तक की पढ़ाई
पुरुषोत्तम ने कुशेश्वरस्थान के नंदकिशोर हाईस्कूल सतिघाट से मैट्रिक तक की पढ़ाई की, जिसके बाद दरभंगा के एमएलएसएम कॉलेज से इंटर करने के बाद दरभंगा से दिल्ली का रुख किया. और आगे की पढ़ाई जेएनयू में की. साल 2011 में भारतीय सेना में सिग्नल ट्रेड में नौकरी पाई. लेकिन पुरुषोतम को आगे बढ़ने की ललक थी, लिहाजा नौकरी में रहते हुये पढ़ाई को जारी रखा. साल 2016 में सीडीएस की परीक्षा पास की. अब इंडियन मिलिट्री एकडेमी देहरादून में चार साल की ट्रेनिंग लेकर वह पंजाब रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट बने हैं.
पुरुषोत्तम की इस कामयाबी पर मां मुन्नी देवी और दादा राम नारायण पाठक काफी खुश हैं. दादा ने भावुक होते हुए कहा कि आज बहुत खुश की बात है कि पोता सेना में अफसर बन गया. इलाके के लिए भी ये खुशी की खबर है. मां ने बताया कि इस पल को वे पासिंग आउट परेड में शामिल होकर देखना चाहती थीं, लेकिन कोरोना के कारण संभव नहीं हो पाया. पर बेटे ने गर्व से सिर ऊंचा किया है.
पुरषोत्तम ने यह कमाल अपनी कड़ी मेहनत के दम पर किया है । उन्होने बताया कि उनके पिता ऑटो चलाते थे । बहुत मेहनत से पैसे कमाकर उन्होने अपने बेटे को पढ़ाया और इस मुकाम पर पहुँचाया । आज अपने बेटे को इस मुकाम पर देख उनका सीना चौड़ा हो जा रहा है ।