बिहार में शराबबंदी को सफल करने की सबसे बङी जिम्मेदारी पुलिस को दी गई है लेकिन जिनके कंधे पर जिम्मेदारी दी गई है यदि वही खुद नशे में रहें और शराब पीकर ड्यूटी करें तो फिर शराबबंदी कैसे सफल होगी। ऐसा ही एक मामला खगड़िया जिले से आया है जहां दारोगा बाबू मजे से शराब का सेवन करने के बाद नशे में टुल्ल होकर ड्यूटी कर रहे थे। पूरा मामला जिले के गोगरी थाना से जुड़ा है।
थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर अरुण कुमार झा के कंधे पर मधनिषेध अधिनियम कानून को सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी थी लेकिन वो खुद शराब पीकर डयूटी कर रहे थे और नशे की हालत में पकङे भी गए। खगड़िया एसपी अमितेश कुमार ने इस मामले में बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि गोगरी थाना में एक दारोगा अरुण कुमार झा नशे की हालत में ड्यूटी कर रहा है। सूचना के आधार पर गोगरी थाना प्रभारी पवन कुमार को उक्त दारोगा का मेडिकल जांच कराने का निर्देश दिया। जांच में शराब पीने की पुष्टि होने के बाद उस पर मद्य निषेध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजने का निर्देश दिया गया है।
खगड़िया एसपी अमितेश कुमार ने सभी पुलिसकर्मी से लेकर पदाधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि सभी लोग मद्य निषेध अधिनियम के कानून को सख्ती से पालन करें नही तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खगड़िया के नगर थाना में प्रतिनियुक्त दारोगा राजकुमार सिंह भी मई 21 में शराब के नशे में पकङे गए थे जिसके बाद खगड़िया एसपी अमितेश कुमार के निर्देश पर उन्हें भी प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा गया था। उस समय बताया गया था कि दारोगा राजकुमार सिंह नगर थाना परिसर में बने भवन में ही रहते थे, इसी दौरान शराब पीकर जैसे ही वह अपने रूम पहुंचे तो किसी ने एसपी को सूचना दी, जिसके बाद जांच में शराब पीने की पुष्टि होने के बाद दारोगा को जेल भेजा गया था।