कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 24 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया था। लॉकडाउन का पालन सख्ती से हो इस बात की जिम्मेवारी पुलिस के उपर तय की गई थी। सरकार और प्रशासन की तरफ से बार-बार पब्लिक को अपने घरों में रहने को कहा गया। लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत भी दी गई। लेकिन पब्लिक है कि मानती ही नहीं है। किसी न किसी बहाने वो घर से बाहर निकल ही जाती है। ऐसे लोगों के साथ बिहार की पुलिस ने पूरी सख्ती बरती।
राजधानी हो या फिर राज्य का कोई और जिला। पुलिस ने पूरी कड़ाई के साथ कार्रवाई की। बिहार पुलिस की तरफ से मिले आंकड़ों के अनुसार 24 मार्च से लेकर 24 अप्रैल तक लॉकडाउन उल्लंघन के कुल 1487 मामले में सामने आए। अलग-अलग थानों में इतने एफआईआर दर्ज किए गए। लॉकडाउन तोड़ने वाले 1354 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जबकि लॉकडाउन में बगैर प्रशासनिक अनुमति और पास के सड़क पर दौड़ रही 40 हजार 427 गाड़ियों को जब्त किया गया।
इसके अलावा जुर्माना के रूप में बिहार पुलिस ने कुल 9 करोड़ 29 लाख 84 हजार 737 रुपए वसूल किए। बात सिर्फ आज की करें तो पूरे बिहार में लॉकडाउन उल्लंघन मामले में 75 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 79 एफआईआर दर्ज की गई।2538 गाड़ियां जब्त की गई। जुर्माना के तौर पर 51 लाख 76 हजार 800 रुपए वसूल किए गए।
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिहार पुलिस की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जिस तरह से कोरोना वायरस के संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है, वैसी स्थिति में सरकार लॉकडाउन की अवधि को 3 मई से आगे भी बढ़ा सकती है।