15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। इससे पहले ही भारत का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा बन चुकी थी। उस समय देश में कई भाषाएं थी। इस वजह से राजभाषा क्या बने, यह तय करना एक चुनौती थी। तब संविधान सभा ने लंबी बहस के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने का फैसला किया।
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में इसका उल्लेख है। इसके अनुसार भारत की राजभाषा ‘हिंदी’ और लिपि ‘देवनागरी’ है। इसी को याद करते हुए 1953 से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने को लेकर गैर-हिंदी भाषी लोगों का विरोध था। इस वजह से अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा बनाया गया। आज, हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हमारे देश में 77 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते, समझते और पढ़ते हैं।
अगर हिंदी बोलते सकुचाते हैं तो आपको एक बार सोचना चाहिए। आज हिंदी प्रेमियों के कारण ही ये भाषा दुनिया की तीसरे नंबर की लैंग्वेज बन गई है। आज दुनिया भर में बोली जाने वाली सभी भाषाओं में हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस के 22वें संस्करण इथोनोलॉज में बताया गया है कि दुनियाभर की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय भाषाएं हैं जिनमें हिंदी तीसरे स्थान पर है। इथोनोलॉज के मुताबिक दुनियाभर में 61.5 करोड़ लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
इथोनोलॉज के मुताबिक दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में पहला स्थान अंग्रेजी का है और पूरी दुनिया में 113.2 करोड़ लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा दूसरे स्थान पर चीन में बोली जाने वाली मैंड्रेन भाषा है जिसे 111.7 करोड़ लोग बोलते हैं। चौथे नंबर पर 53.4 करोड़ लोगों के साथ स्पेनिस और पांचवें नंबर पर 28 करोड़ लोगों के साथ फ्रेंच भाषा है।
वैसे दुनिया की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं की बात करें तो उनमें 6 भारतीय भाषाएं हैं। इनमें हिंदी के बाद बंगाली भाषा का स्थान है जो लिस्ट में 26.5 करोड़ लोगों के साथ सातवें स्थान पर है। 17 करोड़ लोगों के साथ 11वें नंबर पर उर्दू का स्थान है। 9.5 करोड़ लोगों के साथ 15वें स्थान पर मराठी, 9.3 करोड़ के साथ 16वें नंबर पर तेलगू और 8.1 करोड़ लोगों के साथ 19वें स्थान पर तमिल भाषा आती है।