सोमवार को भागलपुर के मायागंज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड का जायजा लेने WHO और यूनिसेफ की चार सदस्यीय टीम पहुंची। जहां उन्हें N-95 मास्क तक नहीं मिला। इसके बाद अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड को दूर से ही देख कर सदस्य को बेरंग वापस लौटना पड़ा।
डब्ल्यूएचओ की टीम ने अधीक्षक के साथ बैठक की और फिर सीसीटीवी से सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। टीम ने दूर से ही वार्ड को देखा और फिर लौट गई। इसमें पूर्णिया के यूनिसेफ सलाहकार एसएस आनंद, डब्ल्यूएचओ भागलपुर के डॉक्टर राजीव ,डॉ सोमाल्या घोष और अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी मंडल टीम के साथ पहुंचे थे।
टीम ने वार्ड के साथ आईसीयू को भी देखा। जहां दो बेड के बीच 3 मीटर की दूरी थी। कोरोना पॉजिटिव मरीज को कहां और किस तरह से रखा जाता है इसकी जानकारी भी उन्होंने ली। उन्हें बताया गया कि संदिग्धों को पहली मंजिल और कोरोना पॉजिटिव को तीसरी मंजिल पर अलग-अलग कमरे में रखा जाता है। सीसीटीवी कैमरे से वहां की व्यवस्था को टीम ने देखा और फिर कोरोना को लेकर की गई तैयारियों को लेकर बैठक भी की।