वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस ने भारत में भी तेजी से अपने पैर पसार रहे हैं। इसकी गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में 14 अप्रैल तक का लॉक डाउन कर दिया है। रेलवे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सब बंद हैं। ऐसे में इसके साइड इफ़ेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं।
लॉक डाउन सभी राज्य सीमाओं को सील करने और अंतरराज्यीय बसों, रेलवे और मेट्रो, और सभी उड़ानों के ग्राउंडिंग सहित सभी सार्वजनिक परिवहन को बंद करने में अनुवाद करता है।
दिल्ली सहित अन्य राज्यों ने अपनी-अपनी सीमाओं को बंद करना शुरू कर दिया, जिससे प्रवासी श्रमिक अपने गृह राज्यों में वापस जाने के लिए दौड़ पड़े, जिसमें दिल तोड़ने वाली कहानियां उभर कर सामने आ रही है।
इनमें से एक बिहारी मजदूर लड़के की कहानी है जो दिल्ली में फंसा हुआ है। इसका वीडियो बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शेयर किया है। मंगलवार को बिहार लौटने में असमर्थ एक युवा लड़का टूट गया और एनडीटीवी से बात करते हुए रो पड़ा। “मैं घर जाना चाहता हूं…
बिहार सरकार से विनती करता हूँ कि दिल्ली में फँसे इस मासूम को बिहार निवास/बिहार भवन या अन्य जगह रहने का अविलंब इंतज़ाम करें। देश के हर कोने में फँसे हुए ऐसे लाखों बिहारियों के लिए Helpline शुरू कर संबंधित सरकारों से उनके सकुशल ठहरने तथा बिहार लाने की उचित व्यवस्था करे। धन्यवाद https://t.co/FWxrIoEvns
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 24, 2020
जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इसको लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि
दिल्ली और अन्य कई जगहों पर बिहार के सैकड़ों गरीब लोग #lockdown की वजह से फँसे हुए हैं।@Nitishkumar ji, जब दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही हैं, बिहार सरकार इनलोगों को इनके घरों तक पहुँचाने अथवा जहां ये लोग हैं वहीं कुछ फ़ौरी राहत की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है?
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 25, 2020
दिल्ली और अन्य कई जगहों पर बिहार के सैकड़ों गरीब लोग #lockdown की वजह से फँसे हुए हैं।@Nitishkumar ji, जब दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही हैं, बिहार सरकार इनलोगों को इनके घरों तक पहुँचाने अथवा जहां ये लोग हैं वहीं कुछ फ़ौरी राहत की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है?
हालांकि इन समस्याओं को देखते हुए श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने दिल्ली में बिहार के श्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार और श्रम विभाग से बात कर श्रमिकों के खाने-पीने की व्यवस्था वहीं करे। ताकि लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को दिल्ली में परेशानी नहीं हो। श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा के मुताबिक दिल्ली में 250 से अधिक जरूरतमंद श्रमिकों की संख्या है, जो अभी भी दिल्ली में है।