पाकिस्तान इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन (PIMA) ने चेतावनी दी है कि सरकार ने रमजान के लिए मौलवियों के दबाव में आकर मस्जिदों को फिर से खोलने का आदेश दिया है, जिसके बाद मस्जिदें जानलेवा कोरोनावायरस (Coronavirus) के फैलने की मुख्य वजह बन रही हैं। PIMA के अध्यक्ष इफ्तिखार बर्नी (Iftikhar Burney) ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मस्जिदें वायरस को फैलाने का मुख्य स्रोत बन रही हैं।”
डॉक्टर ने कहा कि यह महामारी (Pandemic) अभी लम्बे समय तक चलेगी और पिछले छह दिनों में संक्रमण की संख्या दोगुनी हो गई है। देश में अब कोरोनावायरस के 12,657 मामले हैं और 265 लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा, “वर्तमान में, 100 डॉक्टरों समेत 200 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए हैं।” डॉक्टर ने कहा कि कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए सख्त उपायों की जरूरत है।”
शक्तिशाली मौलवियों के दबाव में प्रधानमंत्री इमरान खान ने (Imran Khan) उन प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया, जो धार्मिक स्थानों पर सामूहिक प्रार्थनाओं पर रोक लगा रहा था। जबकि स्कूलों और अधिकतर व्यवसायों में अभी भी लॉकडाउन (Lockdown) है।
अब तक, सिंध प्रांत ने मस्जिदों को फिर से खोलने के संघीय सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है और घोषणा की है कि रमजान के दौरान उन्हें बंद रखा जाएगा।
बता दें कि PIMA इस मुद्दे पर विरोध करने वाला एकमात्र स्वास्थ्य संगठन नहीं है। पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव कैसर सज्जाद ने भी शुक्रवार को कहा, “मस्जिदों को खोलने का कोई मतलब नहीं है। मैं लोगों से घर पर प्रार्थना करने और घर पर ही इफ्तार करने की अपील करता हूं।”