राहत की दो बड़ी खबरें। पहली, रेलवे की…1 जून से 200 नाॅन एसी ट्रेनें चलेंगी। ये ट्रेनें 15 जाेड़ी एसी ट्रेन अाैर श्रमिक स्पेशल ट्रेनाें से अलग हैं। रेल मंत्री पीयूष गाेयल ने घाेषणा की कि 1 जून से चलने वाली ट्रेनाें की अाॅनलाइन बुकिंग जल्द शुरू हाेगी। दूसरी, बिहार परिवहन विभाग की, राज्य में रिक्शा, ऑटो व ई-रिक्शा के परिचालन पर प्रतिबंध हटा लिया गया है।
लेकिन कंटेनमेंट जोन ये वाहन नहीं चलेंगे। इस आदेश से पटना शहर में एक सवारी के साथ रिक्शा, दो के साथ ई-रिक्शा व ऑटो चलने का रास्ता साफ हो गया। ई-रिक्शा व ऑटो का परिचालन सम (ऑड) 0,2,4,6,8 व विषम (ईवेन) 1,3,5,7,9 नंबर के आधार पर होगा। सम संख्या वाले वाहन मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार को तो विषम संख्या वाले वाहन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को ही चलेंगे
रेल मंत्री ने राज्य सरकाराें से श्रमिकों की सहायता की अपील करते हुए कहा कि सड़क पर जाते किसी भी श्रमिक को तुरंत नजदीकी मेनलाइन स्टेशन पर लाएं। उन्हें रजिस्टर करके रेलवे को लिस्ट दें, ताकि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाकर उन्हें घर पहुंचा सकें। उन्हाेंने श्रमिकों से आग्रह किया कि वाे जहां हैं, वहीं रुके रहें। रेलवे उन्हें बहुत जल्द गंतव्य तक पहुंचा देगा। रेलवे अभी तक 1,595 श्रमिक स्पेशल ट्रेनाें से 21 लाख से ज्यादा लाेगाें काे उनके घर पहुंचा चुका है। लाॅकडाउन के दाैरान रेलवे ने टिकटाें की बुकिंग भी अगले अादेश तक बंद कर दी थी।
पहले यह ट्रेनें राज्य सरकार की मांग पर चल रही थीं। इस दौरान गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। कोच में यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया जा रहा है। रवानगी और संबंधित स्टेशन पर पहुंचने पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
गृह जिले में 14 दिन क्वारैंटाइन करने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाएगा। लोगों को भेजने वाली और बुलाने वाली राज्य सरकारों के आग्रह पर ही विशेष ट्रेनें चलेंगी। शुरुआती और आखिरी स्टेशन के बीच में ट्रेनें कहीं नहीं रुकेंगी। श्रमिकों को ट्रेन में बैठाने से पहले स्क्रीनिंग करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी। जिन लोगों में लक्षण नहीं होंगे, उन्हें ही जाने की इजाजत मिलेगी।