नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली को दिवाली का बड़ा तौफा दिया है । कैबिनेट की बैठक में दिल्ली की लगभग 1800 अवैध कालोनियों को नियमित करने का ऐलान किया गया । केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) के बाद कहा, ‘आज दिल्ली की आबादी दो करोड़ से अधिक है। 11 साल पहले साल 2008 में भी कोशिश हुई थी, दिल्ली सरकार काम को लटका रही थी। 2018 में बोले की दो साल और चाहिए। अब लगा कि इस पर केंद्र सरकार को ही कदम बढ़ाने होंगे। यह दिल्ली के लिए रेवोल्यूशनरी कदम है। सभी मकान मालिक (Land Lord) को अब मालिकाना हक दिया जाएगा, भले ही ये कॉलोनी सरकारी या निजी जमीन पर बनी हों।’
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली में रहने वाले 40 लाख लोगों को फायदा पहुंचने वाला है। यानी इन 1800 कॉलोनियां में रहने वालों को मालिकाना हक देने की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने एक बड़ा दाव दिल्ली विधानसभा को लेकर चल दिया है। इस फैसले के बाद अवैध कॉलनियों में रहने वाले लोगों को भी बिजली, पानी का स्थाई मीटर और सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। सड़क, नाले और गली की लाइट की व्यवस्था के साथ नगर निगम की सारी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। बच्चों को खेलने के लिए पार्क, सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो जाएंगी।
बीजेपी को इस फैसले से फायदा होने की संभावना
गोयल ने कहा था कि पहले कांग्रेस ने और अब केजरीवाल सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों के नाम पर जनता को धोखा देने का काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने कुछ नहीं किया इसलिए केंद्र ने उपराज्यपाल (एलजी) की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जो देखेगी कि कैसे जल्द से जल्द इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को इनका मालिकाना हक मिले। उन्होंने कहा कि इसके लिए बीजेपी तालकटोरा में रैली निकालकर ‘अनधिकृत कॉलोनी चलो’ अभियान की शुरुआत करेगी।