पाकिस्तान अपने नापाक हरकत से कभी बाज़ नहीं आने वाला है और खासकर किसी अच्छे चीज के लिए हो रहे कार्य भी पाकिस्तान को रास नही आता है । आयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम 26 मई से शुरू हो गया है । और साथ ही शुरू होग पाकिस्तान का विवादित बयान । पाकिस्तान ने बयान जारी करते हुए कहा है राममंदिर का निर्माण इस बात का सबूत है कि कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक किस कदर हाशिए पर हैं। पाकिस्तान सरकार ने इस निर्माण कार्य की जी भर के आलोचना भी की और पाकिस्तान फॉरेन ऑफिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट के लिए गए फैसले पर नाराज़गी जताते हुए बुधवार को यह कहा गया कि, जब पूरी दुनिया कोविड-19 के संकट से जूझ रही है, ऐसे वक्त में ‘आरएसएस-बीजेपी’ अपने ‘हिंदुत्व’ एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हैं।
पाकिस्तान ने हिन्दू मुस्लिम के खिलाफ भी अंतर करते हुए बयान जारी किया कि,बाबरी मस्जिद, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की शुरुआत जैसे कदमों से पता चलता है कि वहां के अल्पसंख्यक किस कदर वंचित हैं। इन सब बयानों पर भारत सरकार ने यह जवाब दिया कि, सीएए भारत का आंतरिक मसला है और इससे किसी अन्य देश का कोई संबंध नहीं। अब देखना यह है कि इस माहौल में भी पाकिस्तान और कितना नीचे गिर के हरचीज का आलोचना करेगा। पाकिस्तान शायद भूल गया है कि यह समय आलोचना का नहीं बल्कि इस महामारी के कठिन परिस्थिति में साथ देने का है।