पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक अलग ही जिहाद चल रहा है । थूक जिहाद । कुछ लोग इस पर राजनीति रोटी सेंक रहे हैं तो कुछ लोग सेक्युलर का झंडा ओढ़कर इसे सही साबित करने में जुट गए हैं । हर किसी का अलग नज़रिया है और कोई अपने आप को सही दिखाने के चक्कर में इतना नीचे गिर रहा है कि नीचता उनके कदमों को चुमने लगी है ।

अब आते हैं असली मुद्दे पर । दो दिन पहले यानी 6 फरवरी 2022 को भारत रत्न लता मंगेशकर इहलोक को छोड़कर परलोक चली गयीं । उनके पार्थिव शरीर को मुंबई स्थित शिवाजी पार्क में श्रद्धांजलि के लिया रखा गया । देश के प्रधानमंत्री से लेकर कई चर्चित हस्ति ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी । उन्ही में से एक थे फिल्म स्टार शाहरूख खान ।
शाहरूख खान जब लता दीदी को आखिरी विदाई देने पहुंचे तो उन्होंने दुआ में अपने दोनों हाथ उठाये । शाहरुख ने खुदा से लता दीदी की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी । दुआ पढ़कर मास्क हटाया और उनके मृत शरीर पर फुंक मारी या थुकथुकाने जैसा कुछ किया । सारा बवाल इसी पर मचा हुआ है । लोग इसे थूक जिहाद कह रहे हैं । आइये जानते है क्या है यह जिहाद ।
क्या कहता है इस्लाम
इस्लामिक परंपरा के मुताबिक, जब कोई दुआ की जाती है तो उसके लिए दोनों हाथों को उठाकर सीने तक लाना होता है और अल्लाह से मिन्नतें की जाती हैं । ये ठीक वैसे ही है, जैसे किसी के आगे झोली फैलाने की बात कही जाती है, उसी तरह दोनों हाथ एक साथ मिलाकर फैलाए जाते हैं और अल्लाह के सामने अपनी अर्जी लगाई जाती है । इस्लाम में दुआ का ये तरीका आम है ।

अब आते हैं असली मुद्दे पर
असली मुद्दा वो नहीं है जो उपर दिखाया गया है । असली मुद्दा अब शुरू होता है । सोशल मीडिया पर एक बड़ा दल इस बात के लिये आपस में भिड़ रहा है । इन सबमें हिन्दुरओं का एक बड़ा तबका शाहरूख के साथ भी है । लेकिन यहाँ सवाल उठता है कि जिस धर्मनिरपेक्षता को पकड़ कर ये लोग सही बता रहे हैं क्या वो अन्य धर्मों के लोगों पर लागू होता है । क्या अन्य धर्म के लोगों के मौत पर वहाँ पर भजन-कीर्तन की अनुमति दी जाएगी । क्या कोई भगवा वस्त्र पहनकर वहाँ गंगाजल छिड़क सकता है… अगर नहीं तो सोचने की जरूरत है ।
क्यों कि पिछले साल कोरोना के काल में भी हमलोगों ने खूब थुक जिहाद देखा था । इसलिये ये बातें न केवल ताजा हो गई है बल्कि डरा भी रही है ।