मच्छगर गांव के बाद हरियाणा की एक और ग्राम पंचायत ने कोरोना रिलीफ फंड में सहयोग देने का रिकॉर्ड कायम किया है। अब फरीदाबाद की ही चंदावली गांव पंचायत ने कोरोना वायरस (coronavirus) के खिलाफ लड़ाई के लिए सरकार को 1 करोड़ रुपये का चेक दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने सोमवार को चंडीगढ़ में सीएम आवास पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को इस रकम का चेक सौंपा। फरीदाबाद इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप इसी पंचायत का हिस्सा है। यहां की पंचायत प्रमुख अंजू यादव हरियाणा में सबसे कम उम्र की सरपंच हैंं। इस वक्त उनकी उम्र 26 साल है। उन्होंने अपने गांव में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए हुए हैं। इससे पहले भी यह गांव सरकार को रिलीफ फंड में पांच करोड़ रुपये का सहयोग कर चुका है।
सीएम को चेक सौंपते समय ग्राम पंचायत की तरफ से सरपंच अंजू यादव के पिता गिर्राज यादव, पंच भूलेराम, महेंद्र, भीम सिंह, पंकज आदि मौजूद थे। इन्हें इतना बड़ा दान करने के लिए सीएम के राजनीतिक सलाहकार अजय गौड़ ने प्रेरित किया। गौड़ ने कहा कि आज संकट की घड़ी है। सरकार के पास से पैसा जाने का क्रम लगातार जारी है। लेकिन आ नहीं रहा है। ऐसे में जो समृद्ध पंचायतें हैं वो अपने योगदान के लिए आगे आ रही हैं। हरियाणा की ऐसी पंचायतों से देश की दूसरी पंचायतों को सीख लेनी चाहिए।
इससे पहले मच्छगर गांव की पंचायत ने भी 1 करोड़ रुपये का चेक दिया था। गौड़ ने बताया कि कुछ और समृद्ध पंचायतें भी ऐसे ही सहयोग देने वाली हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कोरोना रिलीफ फंड (Haryana Corona Relief Fund) में 1 करोड़ रु। की राशि का योगदान देने के लिए सभी गांव वासियों का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में आप सभी का सहयोग सराहनीय है। ऐसी एकजुटता से हम इस महामारी को जल्द मात दे देंगे।
सरपंच अंजू यादव के पिता गिर्राज यादव ने न्यूज18 हिंदी को बताया कि जाट आंदोलन के दौरान सरकारी संपत्ति का काफी नुकसान हुआ था। उसके बाद हमारी पंचायत ने पांच करोड़ रुपये हरियाणा रिलीफ फंड में दिए थे। अब संकट की एक और घड़ी आ गई है इसलिए हमने 1 करोड़ रुपये देने का फैसला किया। हमारी पंचायत के पास 64 करोड़ रुपये का फंड है। यह रकम बैंक (Bank) में जमा है। तीसरे महीने करीब 80 लाख रुपये का ब्याज मिल जाता है, जिला उपायुक्त से परमिशन लेकर हम उसी पैसे से विकास कार्य करवा लेते हैं। हम सरकार पर निर्भर नहीं हैं। सरकार कुछ दे दे तो मना नहीं करते।