• बिहार
  • भारत
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • खेल
  • सोशल मीडिया
  • हवाबाज़ी
  • व्यक्तित्व
  • अतिथि लेख
  • बिहार
  • भारत
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • खेल
  • सोशल मीडिया
  • हवाबाज़ी
  • व्यक्तित्व
  • अतिथि लेख
No Result
View All Result
  • बिहार
  • भारत
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • खेल
  • सोशल मीडिया
  • हवाबाज़ी
  • व्यक्तित्व
  • अतिथि लेख
No Result
View All Result
Home अतिथि लेख

क्यों 15 साल बिहार में राज करने के बावजूद नीतीश रैली वाले नेता नहीं बन पाए ?

कल नीतीश कुमार के रैली में जितनी भीड़ थी । उससे ज्यादा भीड़ तो डिजनी लैंड वाले मेले में होती है । उससे ज्यादा लोग, गांधी मैदान में टहलने और क्रिकेट खेलने आते हैं । यह नीतीश कुमार के लिये सोचने का समय है ।

in अतिथि लेख, बिहार
7
SHARES
फेसबुक शेयरट्वीट करेंव्हाट्सएप्प करें

 

बिहार रैलियों को प्रदेश है। यहां की राजनीति रैलियों से तय होती रही है। खास कर लालूजी ने रैली को, रैला और फिर महारैला तक बना दिया। उनके जमाने में किस्म किस्म की रैलियां हुआ करती थीं। भूत भगावन रैली से लाठी पिलावन रैली तक। ये रैलियां गांव के गरीब लोगों के लिये फ्री में पटना घूमने का जरिया हुआ करती थी। लोग बसों, जीपों और ट्रेनों पर लद कर रहते, पटना में अपने अपने विधायकों के बासा पर ठहरते। रात भर बाई जी या लौंडा का नाच चलता, पूरी सब्जी, बुनिया का भोज चलता। दिन में कदमताल करते हुए सबलोग गांधी मैदान को भर देते और लालू जी के भाषण के बाद चिड़ियाघर घूमते, स्टेशन के सामने से बच्चों के लिये कपड़े और सामान खरीदते। रात में फिर बस या ट्रेन पर लद कर लौट जाते। मगर ये रैलियां, शहरियों, रेल यात्रियों, बस वालों और लोकल दुकानदारों के लिये मुसीबत का सबब होती। दुकानदारों से जबरन चन्दा वसूला जाता, जबरन गाड़ियां कब्जा ली जातीं। रेल की सभी बोगियों पर रैली वाले काबिज हो जाते। पटना में रैली वाले दिन लोग का घूमना फिरना मुश्किल हो जाता। सब घरों में कैद हो जाते।

 

खैर वह जमाना चला गया। फिर भाजपा-जदयू का जमाना आया। इसमें रैली करना भाजपा वालों की जिम्मेदारी बन गयी। उनके पास पैसा था और है। वे गाड़ी से लेकर लोगों तक का इंतजाम पैसों के बल पर करने लगे। उनके लोकल नेता तो कोई रैली करने की क्षमता नहीं रखते। मगर वाजपेयी से लेकर मोदी तक की रैलियों में खूब भीड़ जुटती रही है।

अन्यहवाबाज़ियाँ

Gauta Buddha, Hindu Gautam Buddha, Janeu Dhari Gautam Buddha, Buddh Janeu Pahante the, Bihar New, Bihar update, Bihar lettest update, Bihar khabar, Bihar hindi samchar,

आजीवन हिन्दू रहे गौतम बुद्ध..!

Tej Pratapa Yadav, Tej Prtap Yadav in Angry Mood, Tej Pratap yadav ko hai jaan ka khatra, Tej pratap yadav ko jaan se marne ki dhamki, Tej pratap yadav ko jan se marne ki sajish,

तेजु भइया का नसीहत : छत से छलांग लगाकर हनुमान नहीं बनना है, संयम से लड़ाई लड़ना है

Hanuman ji ko Jari hua notice, Railway, Dhanbad, Indian Railway, Atikraman, Hawabaaz Media,

हनुमान जी मंदिर खाली करिए नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई

Bihar Ke Shikshak, Bihar Guru, Anand Kumar, Guru Rahman, Khan sir, H C Verma, R K Sriwastava, Bihar ke Guru,

बिहार के ऐसे शिक्षक जिन्होंने देश विदेश में डंका बजा दिया

 

मगर पिछले 15 साल से बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले नीतीश कुमार ने कभी रैली करने की हिम्मत नहीं जुटाई। क्योंकि उन्हें पता था कि उनके नाम में वह करिश्मा नहीं है कि लोग उन्हें सुनने गांव-गांव से राजधानी पटना पहुंच जाएं। न ही उनके कार्यकर्ताओं में इतना गट्स है कि लोगों को बटोर कर ले आये और गांधी मैदान को भर दे। इसलिये आज के आयोजन को भी जदयू ने रैली के बदले कार्यकर्ता सम्मेलन का नाम दिया। मगर राज्य के हर वार्ड से उनके एक एक कार्यकर्ता भी आ जाते तो आज तस्वीर वह नहीं होती जो आज गांधी मैदान में दिखी।

 

यह तस्वीर इसलिये भी शर्म का सबब बन गयी, क्योंकि दो रोज पहले इसी गांधी मैदान में संविधान बचाओ-नागरिकता बचाओ रैली हुई थी जिसमें कन्हैया जैसे नए लड़के को सुनने आयी भीड़ ने गांधी मैदान का एक तिहाई हिस्सा भर दिया था।

 

आज के कार्यकर्ता सम्मेलन को लेकर शहर में जितने फ्लेक्स लगे हैं, लगता है आज के आयोजन में उतने लोग भी नहीं आये हैं। मुमकिन है आज की रात इस सवाल पर नीतीश जी विचार करेंगे। क्योंकि अपने तर्क और कुतर्क से वे भले इसे जैसे भी जस्टिफाई कर लें, मगर आज के शक्ति प्रदर्शन में जो उनका फेल्योर है वह एनडीए गठबंधन में उनकी बारगेनिंग पॉवर को घटाएगा।

 

मगर मूल सवाल यह है कि 15 साल राज करने के बाद भी नीतीश राजनेता क्यों नहीं बन पाए हैं। क्यों उनके नाम पर कोई भीड़ नहीं जुटती। क्यों उनके पास कार्यकर्ताओं का नेटवर्क तक खड़ा नहीं हो पाया है। ले देकर उनके पास एक छवि है, काम करने वाले नेता की, जिसके सहारे वे कभी भाजपा तो कभी राजद के कंधे पर सवार होकर चुनाव की बैतरणी पार कर जाते हैं।

 

उसकी एक सकारात्मक वजह तो जरूर है कि उन्होंने न राजद की तरह कभी जात की राजनीति की और न भाजपा की तरह धर्म की। उन्होंने पहले कोशिश की कि काम के बल पर वे लोगों के बीच पॉपुलर हो जाएं। मगर ऐसा हुआ नहीं। लोगों ने नीतीश को पसंद तो किया मगर अपना नेता नहीं माना।

 

फिर उन्होंने महिलाओं के वोट बैंक खड़े करने की कोशिश की। यह सच है कि गरीब तबके की महिलाओं और अन्य पिछड़ी छोटी जातियों में उनका ठीक ठाक क्रेज है। मगर ये लोग वोकल नहीं हैं। रैली वगैरह में नहीं जाते। गांव में भी दब कर ही रहते हैं।

 

कार्यकर्ताओं के नाम पर इनके हिस्से में सिर्फ छोटे बड़े ठेकेदार हैं। जिन्हें इनसे कोई ठेका लेना होता है। ये न बहुत पोलिटिकली एक्टिव रहते हैं, न ही इनकी अपने ही समाज में कोई पैठ होती है।

 

ये पार्टी के अध्यक्ष हैं, मगर इनमें संगठन क्षमता नहीं है। ये आमलोगों से घुलते मिलते नहीं हैं। जैसे लालू जी को छोटे छोटे कार्यकर्ताओं का नाम याद रहता है, इन्हें शायद ही रहता हो। ये खुद तो संगठनकर्ता नहीं ही हैं, न इन्होंने अपनी पार्टी में किसी ऐसे व्यक्ति को यह जिम्मा भी दिया है। अभी इनकी पार्टी के सर्वे सर्वा आरसीपी सिंह की कार्यकर्ताओं के बीच कोई अच्छी छवि नहीं है। आरसीपी का काम सिर्फ फंड मैनेजमेंट हैं। वशिष्ठ बाबू बूढ़े हो चुके हैं। ललन सिंह को उनकी अपनी जाति के लोग ही पसंद नहीं करते। बिजेंद्र यादव भी लोगों से अब उतना घुलते मिलते नहीं हैं। वे अब पार्टी की कोर टीम में शायद हैं भी नहीं। नए लोगों की जमीन पर कोई पकड़ नहीं है। ऐसे में पार्टी का संगठन के तौर पर कमजोर रहना और लोगों के बीच पकड़ न होना स्वाभाविक है। इसलिये आज के आयोजन में लोगों की भीड़ स्वाभाविक थी, ज्यादा भीड़ होती तो चर्चा का विषय होती।

 

पुष्‍य मित्र : जाने माने पत्रकार, लेखक, चिंतक और सामाजिक कार्यकर्ता । चमकी बुखार से लेकर पटना बाढ़ तक में सबसे सक्रि‍य । रेडियो कोसी, जब नील का दाग मिटा जैसे पुस्‍तकों के लेखक । फिलहाल स्‍वतंत्र पत्रकारिता और लेखन ।

Tags: Gandhi MaidanNitish KumarPatna
Share7TweetSend
Mithila Ek Khoj Mithila Ek Khoj Mithila Ek Khoj

Related Posts

Gauta Buddha, Hindu Gautam Buddha, Janeu Dhari Gautam Buddha, Buddh Janeu Pahante the, Bihar New, Bihar update, Bihar lettest update, Bihar khabar, Bihar hindi samchar,

आजीवन हिन्दू रहे गौतम बुद्ध..!

Tej Pratapa Yadav, Tej Prtap Yadav in Angry Mood, Tej Pratap yadav ko hai jaan ka khatra, Tej pratap yadav ko jaan se marne ki dhamki, Tej pratap yadav ko jan se marne ki sajish,

तेजु भइया का नसीहत : छत से छलांग लगाकर हनुमान नहीं बनना है, संयम से लड़ाई लड़ना है

Hanuman ji ko Jari hua notice, Railway, Dhanbad, Indian Railway, Atikraman, Hawabaaz Media,

हनुमान जी मंदिर खाली करिए नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई

Bihar Ke Shikshak, Bihar Guru, Anand Kumar, Guru Rahman, Khan sir, H C Verma, R K Sriwastava, Bihar ke Guru,

बिहार के ऐसे शिक्षक जिन्होंने देश विदेश में डंका बजा दिया

Dev, Aurangabad, Mahrshi Chavnya Gau seva Sansthan, Bihar, Gaushala,

महंत ने किया गौशाला की गोचर भूमि पर कब्जा – गाय की चोरी का भी आरोप

August Kranti, August Kranti me raha hai saharsa ka yogdan, 29 August 1942, August Kranti, Saharsa ke andolankari,

आज ही के दिन अंग्रेजों की गोली से शहीद हो गए थे सहरसा के ये पाँच वीर सपूत

Next Post
इस फ्लॉप रैली से 200 सीट कैसे जीतियेगा नीतीश बाबू : प्रशांत किशोर ने उड़ाया CM नीतीश का मजाक

इस फ्लॉप रैली से 200 सीट कैसे जीतियेगा नीतीश बाबू : प्रशांत किशोर ने उड़ाया CM नीतीश का मजाक

दादामियां जब बिस्तर गीला करते थे तब शिवसेना हिंदुत्व और राष्ट्र के लिए सीना तानकर लड़ती थी’

दादामियां जब बिस्तर गीला करते थे तब शिवसेना हिंदुत्व और राष्ट्र के लिए सीना तानकर लड़ती थी’

आज होगा फैसला : निर्भया के गुनहगारों को कल फांसी होगी की नहीं

आज होगा फैसला : निर्भया के गुनहगारों को कल फांसी होगी की नहीं

ताज़ा झोंका

मेडिकल की पढ़ाई हिन्‍दी में करने पर इतना बवाल क्‍यों मचा है ?

3 years ago

Global Hunger Index : सौ रसगुल्‍ला चांपने वाला भारत भुखमरी का शिकार कैसे हो गया ?

3 years ago

आजीवन हिन्दू रहे गौतम बुद्ध..!

3 years ago

तेजु भइया का नसीहत : छत से छलांग लगाकर हनुमान नहीं बनना है, संयम से लड़ाई लड़ना है

3 years ago

भाई का किया खून, पति को पेड़ से लटकाया : आज यह कातिल हसीना प्रेमी के लिये जेल में रखेगी Karwa Chauth का व्रत

3 years ago

FIFA WORLD CUP- Under 17 कप्‍तान के नाम से बन रही सड़क,  मां-बाप उसी में कर रहे मजदूरी

3 years ago

हनुमान जी मंदिर खाली करिए नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई

3 years ago

हिंदुत्व के जड़ को अखिलेश यादव ने समाजवादी कैंची से मूड़ दिया

3 years ago

दुनिया के हर देश ने आजादी मातृभाषा में ही पायी है !

3 years ago

झंझावात

महिला सिपाही का गंदा MMS वायरल, बॉयफ्रेंड के साथ न्यूड वीडियो आया सामने

by हवाबाज़
0
Mahila Sipahi ka viral video, Mahila sipahi ka viral video, Viral video, Viral pic, Up ke mahila sipahi ka viral photo, Viral MMS,

डीएसपी और महिला सिपाही, सीओ और महिला सिपाही, पुरुष सिपाही और महिला सिपाही।।।...

Read more

घड़ी पर्व : मिथि‍ला के लोक संस्कृति से जुड़ा एक अद्भुत पर्व, जिसके प्रसाद को सिर्फ मर्द खा सकते हैं

by TheHawaBaaz
0
Ghari Parv, Mithila Parv, mithila pawain Tihar, Mithila, Bihar, Saharsa, Madhepura, Madhubani, Darbhanga

पुजा करती महिलाएं आज घड़ी पर्व है । मिथि‍ला...

Read more

जारी हुआ किराना समान बेचने का रेट, अधिक दाम लेने पर होगी जेल : यहाँ देखि‍ये पूरी लिस्ट

by TheHawaBaaz
0
जारी हुआ किराना समान बेचने का रेट, अधिक दाम लेने पर होगी जेल : यहाँ देखि‍ये पूरी लिस्ट

बिहार में कोरोना का कहर तेजी से फैल रहा है । मोदी जी...

Read more

खबरों की हवाबाज़ी के बीच हम करेंगे खबरों का पोस्टमार्टम । हवा-हवाई खबरों की होगी पड़ताल, सच आएगा बाहर । देसी, कड़क और बेबाक लहजे में हाज़िर है हम @TheHawaBaaz

हमारा हवाबाज़ी अड्डा

  • Home
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2019 | thehawabaaz.com

No Result
View All Result
  • बिहार
  • भारत
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • खेल
  • सोशल मीडिया
  • हवाबाज़ी
  • व्यक्तित्व
  • अतिथि लेख

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2019 | thehawabaaz.com