अभी-अभी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि बिहार में आज दिन में कोरोन्स से जहां एक मरीज की मौत हुई थी वही शाम होते-होते दूसरी मौत होने की खबर फैल गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है जानकारी अनुसार आज पटना के nmch में एक कोरोना मरीज को भर्ती करवाया गया था ।
यह बिहार है बाबू। चमकी बुखार से 140 मासूम बच्चों की मौत हुई तब यहां किसी का कलेजा नहीं हिला, तो कोरोना से क्या फर्क पड़नेवाला है?
सोशल मीडिया पर इस मौत को लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है
एक युजर ने लिखा है, यहां जांच और रिपोर्ट से पहले सीधे मौत मिलती है। कोरोना का कल तक कोई मरीज़ नहीं था और अब सीधे एक के मौत की ख़बर आ रही है। अब यह मौत क्या आसमान से टपका है? कमाल यह देखिए कि स्पेशल ट्रेन में भरकर बाहर से लोगों को बिहार लाया जा रहा है। कई कुछ दिन पहले विदेश से आए और मस्त होकर बिहार में घूम रहे हैं। चेकिंग-फेकिंग सब राम भरोसे। बिहार क्या पूरे देश में स्वास्थ्य की सरकारी व्यवस्था क्या है वो तो जग ज़ाहिर है। कमाल बात तो यह है कि लोग सड़कों पर आराम से घूम भी थे कल तक और आज शाम में घंटा घड़ियाल भी बजाएगें।
पूरे बिहार को लॉक डाउन करो, जो रोज़ कमाते खाते हैं उनके लिए भोजन की व्यवस्था करो और सरकार फ़िलहाल अपना सारा ध्यान कोरोना से मुक्त होने में लगाओ। हम और आप जहां हैं वहीं रहें कुछ दिन, यही अच्छा है।
आप भी जानिए क्या होता है लॉक डाउन
लॉकडाउन एक एमरजेंसी व्यवस्था है जो एपिडेमिक या किसी आपदा के वक्त शहर में सरकारी तौर पर लागू होती है। लॉक डाउन की स्थिति में उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा या अनाज जैसी जरूरी चीजों के लिए बाहर आने की इजाजत मिलती है। या फिर बैंक से पैसा निकालने के लिए भी जा सकते हैं।