
आज दिल्ली पुलिस ने शातिर तरीके से , साजिशन समाचार एजेंसी पी टी आई से एक न्यूज चलवाई- जिसमें दिल्ली दंगों की साजिश में योगेन्द्र यादव, अपूर्वानंद, सीताराम येचुरी , जयति घोष आदि के नाम का जिक्र है, हालांकि बाद में इसी एजेंसी ने एक खेद या संशोधन भी जारी किया कि इन लोगों का नाम आरोप पत्र में नहीं है , लेकिन तब तब वह षड्यंत्र काम कर चुका था .
असल में अब कंगना- रिया – सुशांत मसले के टिल का सारा तेल निकल चुका है — चीन द्वारा जमीं हडपने व् सीमा पर तनाव, महंगाई, बेरोजगारी आदि असल मसलों से ध्यान हटाने को कुछ नया मसला तो चाहिए ताकि रुबिका, सुधीर, अर्णव, सरदाना आदि सारा दिन चीख सकें .
दिल्ली पुलिस को 16 सितम्बर से पहले उस मामले में आरोप पत्र दाखिल करना है जिसे दिल्ली दंगों की साजिश का कहा गया और उसमें सभी लोगों को यूं ए पी ए में गिरफ्तार किया गया — गुल्फिशं, देवांगना, नताशा , ताहिर हुसैन, खालिद सैफी आदि को — लेकिन पुलिस के पास इस मामले में कतिपय गिरफ्तार अभियुक्तों के बयान ( ऐसे बयान पुलिस अभिरक्षा में जबरिया लिखवाये जाते हैं और उनका अदालत में कोई महत्व नहीं होता — इसे डिस्क्लोजर स्टेटमेंट कहा गया ) के आधार पर आरोप पत्र में कहा गया कि योगेन्द्र यादव, अपूर्वानंद आदि ने सी ए ए -एन आर सी विरोधी आन्दोलनों में भड़काऊ भाषण दिए जिनसे दंगा हुआ , इस मामले में पुलिस ने नताशा और देवांगना के बयान भी बनाए गए और उन्होंने उस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया – यह भी रिकार्ड में हैं .

दिल्ली पुलिस, क्राईम ब्रांच और स्पेशल सेल — ये तीन अलग अलग मामलों की जांच कर रहे हैं — जिस मामलें ने पुलिस को 16 सितम्बर तक चार्ज शीट पेश करना है , उसमें उनके पास कुछ नया नहीं है — इसी लिए अब उस उमर खालिद को बुलाया गया है — जिससे पहले भी स्पेशल सेल दो बार कई कई घंटे पूछ ताछ कर चुकी है, जिसका फोन जब्त किया गया है लेकिन हर चार्ज शीट में उसे मुख्य साजिशकर्ता कहे जाने के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया गया . हालांकि उमर खालिद दिल्ली से बाहर था लेकिन दो दिन से पुलिस उनके घर पर नोटिस दे रही है हाज़िर होने का . जैसे जैसे 16 तारीख करीब आ रही है , पुलिस की विच हंटिंग तेज हो रही है .
अब उम्मीद है कि उमर खालिद को गिरफ्तार दिखा कर एक बार फिर से टुकड़े टुकड़े गेंग, जे एन यूं , अर्बन नक्सल जैसे जुमले उछल कर टीवी के खबरिया चेनल पुलिस के झूठे प्रचार, नफरत और दंगे की साजिश के असल आरोपियों को बचने के लिए तथ्यहीन बहस-ख़बरें चलायें . इस बीच अदालत कई कई बार कह चुका है कि दिल्ली दंगों पर पुलिस सिलेक्टिव खबरें ना चलावे लेकिन यह सब इतने ऊँचे स्तर पर पिरोया जा रहा है कि किसी को कोई डर नहीं .
तो तैयार रहिये — उमर खालिद और एक-दो और चर्चित नामों की माला जपने के लिए — इस समय न देश, न जनता न कोरोना, बस एक ही लक्ष्य- एक ही इरादा , बिहार चुनाव बिहार चुनाव