पटना । मौसम विभाग के अनुसार अब भारी बारिश का अनुमान नहीं हैं। सोमवार को पहाड़ी सहित कई सम्प हाउस से पानी का डिस्चार्ज शुरू हो गया। इधर, प्रभावित इलाकों में मदद के लिए एयरफोर्स का दो हेलीकॉप्टर पटना पहुंचा है। एयरलिफ्ट के जरिये लोगो को निकाला जा रहा है। पद्मश्री शारदा सिन्हा ,एडीजी कुंदन कृष्णन ,जदयू नेता संजीव कुमार ,हाइकोर्ट के जज मधुरेश प्रसाद कोई नही बचा। दो दिन लग गये सरकार के हाकिम और जज साहब के रेस्क्यू में। भला आम लोगों की क्या हालत होगी।
सच्चाई यही है कि पटना में लोग एक दूसरे की मदद के लिए तैयार हैं। लोग भी हैं और सामान भी। मगर यह सामान लोगों तक कैसे पहुँचे इसका इंतजाम नहीं हो पा रहा। हमें इसके लिए ट्रैक्टर और नाव की दरकार है। यह कैसे मिलेगा इसका पता नहीं है। खुद NDRF भी सिर्फ 33 बोट के साथ ऑपरेट कर रही है, लेकिन सवाल है कि सरकार के पास इतनी बडी आबादी को डूबने से बचाने के लिए नाव क्यों नहीं है, जबकि पटना गंगा और पुनपुन किनारे बसा हुआ है।
बिहार के मुख्यसचिव दीपक कुमार ने कहा है कि राजधानी के राजेन्द्रनगर इलाके में अभी बिजली सप्लाई संभव नहीं है।जबकि कंकडबाग के इलाके में आज रात से बिजली की सप्लाई शुरू होने की संभावना है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ समीक्षा बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव ने कहा कि कोल इंडिया से पानी निकालने वाली मशीन मंगलवार की सुबह तक पटना पहुंच जाएगी।उसके बाद निचले इलाकों से पानी निकालने का काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि कंकडबाग में अगले दो से तीन दिनों में जलजमाव की निकासी कल ली जाएगी जबकि राजेन्द्रनगर में समय लगेगा।मुख्य सचिव ने बताया कि सभी संप हाऊस चौबीसो घंटे चालू हैं।
उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में हेलिकॉप्टर से खाद्य सामाग्री का वितरण किया जा रहा है।कल से बड़ी गलियों में ट्रैक्टर से पानी और खाद्य सामाग्री पहुंचाया जाएगा।उन्होंने बताया कि महामारी की आसंका को लेकर मोहल्लों में दवा के छिड़काव के भी आदेश दिए गए हैं।
सरकार के पास विजन का इतना अभाव है कि पानी एक इलाके से निकाल कर दूसरे इलाके में भेज रही है। सरकार के इस कदम से एक इलाके में जहां पानी कम हो रहा है, वहीं दूसरे इलाके में पानी का स्तर बढ रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं, लेकिन उनका सुननेवाला कोई नहीं है।
लोग पूछ रहे हैं कि यह पानी कहाँ निकलता है यह जानना जरूरी होगा । मालूम हो की यह पानी बादशाही पैन मे जाता है, गंगा और फल्गु में । आप बताये गंगा और फल्गु का पानी ओवरफलो हो रहा है । साथ ही यह जानना जरूरी होगा की पानी निकालने का कैपीसीटी कितना है और बारिश कितना हो रहा है । जानकारी के अनुसार पानी निकालने से चार पांच गुणा बारिश हुआ है । अब खुद जज कीजिए, यहाँ पर राजेन्द्र नगर, ककडबाग, करबीगहीया , पोस्टल पार्क ,रामकृष्ण नगर, अन्य जगह का पानी आता है ।
इस संबंध में पटना निवासी विनय शर्मा कहते हैं कि कंकड़बाग, जोगीपुर रेल लाइन और न्यू बाईपास के बीच के क्षेत्र का जमा पानी पहाड़ी पंप हाउस द्वारा बाईपास के दक्षिण उलीचा जा रहा है, जिससे रानीपुर पैजावा में हाल फिलहाल में बस रहे सोनालिका कोऑपरेटिव के लोग जल प्लावित हो रहे हैं, क्योंकि पुनपुन बांध के गेट बंद हैं और पानी को पुनपुन नदी उलीचने के लिये न पंप का इंतजाम है न पंप हाउस का। कोऑपरेटिव की सड़कें कच्ची हैं और नीची हैं, जिन पर ढाई तीन फीट से ज्यादा पानी है। इसे नगर निगम में शामिल कर लिया गया है और होल्डिंग टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि विधि सम्मत बिजली कनैक्शन लेने पर भी निवासियों को बांस गाड़ कर ट्रांसफर से निजी तार खींच कर लाईन लेना पड़ रहा है। सड़क के पक्कीकरण/कंक्रीटीकरण करने में पार्षद का कहना है कि मिट्टी भराई का कोई प्रावधान ही नहीं है जब कि कम से कम तीन फीट मिट्टी भराये बिना काम नहीं चलने वाला है।
पहाड़ी पंप हाउस से पानी उलीचने पर सोनालिका कोऑपरेटिव कौलोनी में 12 घंटे में 6ईंच पानी उपर उठ रहा है। संभव है बड़ी पहाड़ी आदि वार्ड भी इससे कुप्रभावित हो रहे हों। कंकड़बाग आदि वार्ड की जल निकासी कर रानीपुर पैजावा आदि वार्ड को पानी में डूबोना कहाँ तक न्यायोचित है? क्या तत्काल युद्ध स्तर पर पुनपुन बांध के स्लूइस गेट पर पहाड़ी पंप हाउस की क्षमता का डीजल/ इलेक्ट्रिक पंप लगा कर पुनपुन नदी में पानी उलीचना शुरू किया जा सकता है? कहाँ हैं आपदा प्रबंधन वाले?