निधी झा
लॉकडाउन के अपने अनूठे खिस्से हैं । कई प्रवासी मजदूरों की दुखभरी तो कईयों को खट्टे-मीठे । इन्ही खिस्से कहानियों के बीच कल मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में एक अनोखा वाकया हुआ । हुआ यूँ कि देश भर में फँसे मजदूरों की घर वापसी के लिये सरकार स्पेशल ट्रेन चला रही है । उसी स्पेशल ट्रेन में सफर कर रही एक 32 वर्षीय गर्भवती महिला ने मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक बच्चे को जन्म दिया मां ने उस बच्चे का नाम ‘लॉक डाउन यादव’ ।
नवजात के पिता उदय भान सिंह यादव ने बताया कि यह बच्चा लॉक डाउन की परिस्थितियों में पैदा हुआ है इसलिए उन्होंने नवजात का नाम लॉक डाउन यादव’ रखा । बताया जा रहा है कि अचानक ट्रेन में प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उन्होंने रेलवे हेल्पलाइन से संपर्क किया और अधिकारियों ने बुरहानपुर में उनकी मदद की। वहीं, सूचना के बाद बुरहानपुर में डॉक्टरों की टीम भी पहुंच गई । डॉक्टरों ने महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराई । मां-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
‘लॉक डाउन यादव’ के जन्म लेने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने खुद उनकी मां को बधाई भी दी थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा- ‘हमारी बहन श्रमिक ट्रेन से मुंबई से अपने राज्य उत्तर प्रदेश जा रही थीं, बुरहानपुर में उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया । जहां उसने मेरे भतीजे को जन्म दिया । लॉकडाउन में बेटे का जन्म होने के कारण बहन ने बेटे का नाम ‘लॉकडाउन यादव’ रखने का फैसला किया । छोटे लॉकडाउन को बधाई । चौहान ने नवजात और नवजात की मां का देखभाल करने के लिए बुरहानपुर कलेक्टर और स्थानीय कर्मचारियों का धन्यवाद किया।
बहन मुंबई से अपने राज्य उत्तर प्रदेश श्रमिक ट्रेन से जा रही थी। बुरहानपुर में प्रसव पीड़ा हुई और मेरे भांजे का जन्म हुआ। इन परिस्थतियों में जन्में बेटे का नाम बहन ने ‘लॉकडाउन यादव’ रखने का फैसला किया। अब यह बच्चा तो मध्यप्रदेश का भी है। नन्हे लॉकडाउन को आशीर्वाद, शुभकामनाएं! pic.twitter.com/uZf0CNtVMX
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 24, 2020
जिलाधिकारी प्रवीण सिंह ने प्रवासी परिवार को घर भेजने के लिए एक वाहन की व्यवस्था के साथ, नवजात बच्चे को कपड़े, खाने-पीने का सामान और 5,000 रुपये नकद भी दिए। बता दे कि रेलवे ने अब तक 2800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। जिनमें तकरीबन 37 लाख श्रमिक यात्री जो लॉक डाउन के कारण अलग-अलग प्रदेशों पर फंसे थे उन्हें घर तक पहुंचाया गया। यह भारतीय रेल का सबसे बड़ा प्रयास है ।