गडकरी ने बुधवार को कहा कि हिंदुओं के लिए भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जबकि मुसलमानों के लिए दुनिया में कई देश हैं। उन्होंने यह बात नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को गलत ठहराते हुए और इस कानून की आवश्यकता को उचित बताते हुए कही। परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा “हिंदुओं के लिए दुनिया में कोई देश नहीं है। पहले नेपाल एक हिंदू राष्ट्र था लेकिन अब एक भी राष्ट्र नहीं है। तो हिंदू और सिख कहां जाएंगे?”
गडकरी ने टेलीविजन चैनल न्यूज 18 द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में संशोधित अधिनियम पर सवालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान गडकरी ने कहा, “मुसलमानों के लिए ऐसे कई देश हैं जहां वे जा सकते हैं और नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि कई इस्लामिक राष्ट्रों ने मुसलमानों को शरण देने के लिए उनके संविधान में प्रावधान किए हैं।
हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत के “मुस्लिम नागरिकों” को डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि नए कानून के तहत देश में अवैध घुसपैठियों को आने और बसने से रोका जाएगा । गडकरी ने कहा “हम अपने राष्ट्र के किसी भी मुस्लिम नागरिक के खिलाफ नहीं हैं।
हम उन लोगों के खिलाफ हैं, जिन्होंने हमारे देश में अवैध रूप से घुसपैठ की है और यह बिल (अधिनियम) उनके लिए है। गडकरी ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लोगों को गुमराह कर रहे थे और उन्होंने भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वी पर बांग्लादेश में मुस्लिम घुसपैठियों को मतदान के अधिकार के साथ प्रवेश करने और बसने की अनुमति देने का आरोप लगाया।
नितिन गडकरी ने कहा कि कांग्रेस ने पांच दशक से ज्यादा समय तक इस देश पर शासन किया। उन्होंने कहा कि अगर हम मुसलमानों के खिलाफ होते तो हम उनके वेलफेयर के लिए क्यों काम करते? कश्मीर की सबसे बड़ी समस्या है गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी।
हम धर्म, जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कुछ ताकतें अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। उनसे प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। जो लोग 1947 से देश में रह रहे हैं वे भारत के अंग हैं। चाहे वो किसी भी मजहब, धर्म, समुदाय, बिरादरी या जाति से ताल्लुक रखते हैं ।